सोई मेरी छौना रे ! (कविता)

मेरा दीठ–दिठौना रे, सोई मेरी छौना रे ! 

झूला झूले सोने का, झूले रेशम की डोरी ।
मीठे सपनों में खोई, सुन–सुन परियों की लोरी ।
मेरा दीठ–दिठौना रे ! सोई मेरी छौना रे !

चांद सितारे जाग रहे, नाच रही है चाँदनीया ।
फूल खिले हैं चाँदी के, फूली मेरी आंँगनिया ।
मेरा दीठ–दिठौना रे ! सोई मेरी छौना रे !

मेरा सुख अनहोना रे, सोई मेरी छौना रे !
गीत सुनाऊल सोए तू, तू सोए और गाँ मैं ।
मेरा दीठ–दिठौना रे ! सोई मेरी छौना रे !

जागे, खेले, रूठे तू, हँस–हँस तुझे मनाऊँ मैं ।
खिलौनों की दुनिया की, सैर तुझे करवाऊँ मैं ।
मेरी प्यारी सलोनी रे ! सोई मेरी छौना रे !

अगर आपको यह कविता अच्छी लगी तो प्लीज कमेंट करके बताइए। 
और हमारे वेबसाइट को सब्क्राइब कीजिए।


Post a Comment

0 Comments