🌀 वरदान माँगूँगा नहीं 🌀
— शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
यह हार एक विराम है
जीवन महा-संग्राम है
तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं ल…
⭐ चाँदनी रात ⭐ — मैथिलीशरण गुप्त चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही है जल-थल में । स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अंबर …
जीवन नहीं मरा करता है (कविता)
कवि — गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों !
मोती व्यर्थ लुटाने वालो !
कुछ स…
जरा प्यार से बोलना सीख लीजे (गजल)
- रमे…
गाँव-शहर (नवगीत)
—प्रदीप शुल्क
बदला-बदला-सा मौसम है
बदले-से लगते हैं सूर ।
दीदा…
हे मातृभूमि (कविता)
— रामप्रसाद ‘बिस्मिल’
हे मातृभूमि ! तेरे चरणों में शी…
।। नदी कंधे पर ।। अगर हमारे बस में होता, नदी उठा कर घर ले आते । अपने घर के ठीक सामने, उसको हम हर रोज बहाते। कूद-कूदकर, उचल- …
।। तूफानों से क्याडरना ।। नफरत करना नहीं किसी से, प्यार सभी से करना जी, तूफा तो आते रहते हैं, इनसे भी क्या डरना जी । हिम्म…
मेरा दीठ–दिठौना रे, सोई मेरी छौना रे ! झूला झूले सोने का, झूले रेशम की डोरी । मीठे सपनों में खोई, सुन–सुन परियों की लोरी । …
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